कुछ लोगो को बार बार येसा लगता हे की अपने आस पास की सब वस्तु ये हिल रही हे और सामने
सब धूसर नजर आ रहा हे, तो कभी कुछ लोगो को सीडिया चढ़ते समय चक्कर आ रहे हे
तो इसे बैलेंस डिसऑर्डर कहते हे और सामान्य भाषा में इसे चक्कर आना कहते हे |
इस समस्या की तकलिफ किसी को भी हो सकती हे तो उसे नजर अंदाज ना करे
तो जान लेते हे की ये समस्या क्या हे और ये किस वजह से अस्तित्व में आती हे |

· क्या हे बैलेंस डिसऑर्डर ?
बैलेंस डिसऑर्डर के स्थिति में व्यक्ति को अचानक से चक्कर आना ,और संतुलन नष्ट होने की
समस्या होती हे यह समस्या होने के अनेक कारण हे| कानो में कुछ ऐसे भाग होते हे जो संतुलन
रखने में महत्व की भूमिका बजाते हे उसे वेस्टिब्युलर सिस्टिम कहा जाता हे | ये सिस्टिम आख ,
जॉइंट्स और हड्डियों के साथ मिलकर काम करती हे लेकिन जब ये सिस्टिम ख़राब होती हे
तब ये बैलेंस डिसऑर्डर की स्थिति तैयार होती हे .
· बैलेंस डिसऑर्डर के प्रकार

बैलेंस डिसऑर्डर ये विविध प्रकार के होते हे इसमें बिनाइन परोक्जिमल पोजिशनल वर्टिगो,
लिब्रिन्थाय्तिस , मनियर्स डिजीज , वेस्तिब्युलर न्युरोनायटीस और मोशन सिकनेस इत्यादी का समावेश होता हे |
· क्या हे इसका कारण ?
कानो में एक प्रकार का व्हारस या ब्याकटेरियल इन्फेक्शन होना , सिर को होने वाली चोट ,
दिमाग को अड़चन निर्माण करने वाला ब्लड सर्क्युलेशन या बढ़ाने वाली ऐज ही ब्यालेन्स
डिसऑर्डर की समस्य बन सकती हें |
· क्या हे इसका लक्षण ?
बैलेंस डिसऑर्डर होने पर आपको येसा लगता हे की आप गिर रहे हे ,चक्कर आते हे और
सिर घुमने लगता हे |
सिर हल्का लगना ,उल्टी आना ,धुकट दिखाई देना , दिल के हार्डबिट्स बढ़ना और ब्लड प्रेशर में
चढ़-उतर होना , भय लगना ,तनाव ये सब लक्षण दिखाई देते हे |
· क्या करना चाहिए ?
अगर आपको ऐसे लक्षण दिखाई दिए तो त्वरित डॉक्टर का सल्ला ले क्योकि डॉक्टर
इस स्थिति में आपको विशेष टेस्ट का सल्ला देंगे नाक और कानो के तज्ज्ञका सल्ला ले |
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