आपके जीवन के सुख और दुख का परिणाम होता है
सीधा आपके स्वास्थ पे !
अपने
दिमाग
और
शरीर
का
नजदीकि
समंध
होता
है।
हम
जैसा
बर्ताव
करते
है
,जैसा
विचार
करते
है
उसका
परिणाम
हमारे
शरीर
पर
होता
है
।
फिनलैंड
इस
जगह
होनेवाली
रिसर्च
के
नुसार
आसपास
७००
लोगो
पर
विविध
प्रकार
के
प्रयोग
किए
गए।
जिसके
वजह
से
मनुष्य के
भावनाओं
का
शरीर
के
विविध
भागो
पर
, अवयव
पर
क्या
परिणाम
होता
है
इसका
परीक्षण
किया
गया
।
तो
चलो
जान
लेते
है
कि
सुख
, दुःख
और
डर
इन
भावनाओ
का
शरीर
के
अवयव
पर
कैसा
परिणाम
होता
है।
बदलते
जीवनशैली
का
बढ़ने
वाला
तान
तनाव
, चिंता
विकार
ये दिल
पर
प्रत्यक्ष
और
अप्रत्यक्ष
शरीर
पर
घातक
परिणाम
करते
हैं।
प्रगत
देश
में
५०%
मृत्यू
दिल
के विकार
से
होते
है।
और
इसमें
से
अनेक
मृत्यु
को
मानसिक
विकार
होता
हैं
। ज्यादा
घुस्सा
आने
का
परिणाम
शरीर
के
अंतर्गत
अवयव
पर
होता
है
।
सरदर्द,
हायपरटेंशन
ऐसी
बीमारियां
दिखाई
देती
है
।
आरोग्य
और
नकारात्मकता
इसका
बहुत
नजदीकी
सम्बन्ध
हैं।
नकारात्मक
सोच
आपके
शरीर
के
हार्मोन्स
का
समतोल
बिगाड़
देती
हैं
। और
अपने
विचार
सकारात्मक
हो
तो
ट्रेस
कम
करने
में
मदत
होती
है
।
अच्छी
नींद
आने
में
मदत
होती
हैं।,
अगर
बहुत
बार
छोटे
बच्चे
कीसि
भी
बात
से
घबराते
होंगें
तो
उनको
पेट
से
सम्बंधी
बीमारियां
होने
का
धोका
हो
सकता
है
।
खुश
रहने
से
हृदय
अच्छा
रहता
है
।
नकारात्मक
चीज़ों
को
नजर
अंदाज
करके
सकारात्मक
चीज़ों में मन
लगाने
से
आपके
जीवन
मे
अच्छा
परिणाम
दिखाई
देगा
कहीं
बार
आसपास
के
परिस्थितियों
का
टेंशन
आ
सकता
हैं
।
काम
करते
समय
,अलग
अलग
जिम्यदारिया
निभाते
समय
आप
अपनी
तरफ
ध्यान
ही
नहीं
दे
पाते
।
उसका
परिणाम
आपने
दैनंदिन
कामो
पर
और
आपके
जीवन
पर
हो
सकता
है
।
ऐसी
परिस्थतियां
ना
याए
इसलिए
पोषक
आहार
ले
।
समय
पर
अच्छी
नींद
ले
इससे
आपका
तान
तनाव
कम
होता
है।
कभी
कैसी
भी
परिस्थिती
याये
तो
खुश
रहे
, जिसके
कारण
आपके
सेहत
पर
बुरा
परिणाम
नहीं
होगा
।
करियर
और
परिवार
की
जिम्यदारिया
, काम का
बोझ,
वक्त
की
कमी
, रिश्तों
के
बीच
बढ़ती
दूरियां
, अकेलापन
और
महत्वाकांक्षाए
, आज
इन
स्थितियों
का
सामना
अधिक
तर
लोग
कर
रहे
है
।
इससे
उनके
जीवन
में
तनाव
का
स्तर
काफ़ी
बढ़
गया
है
।
इसका
नकारात्मक
प्रभाव
उनके
शारीरिक,
मानसिक
स्वास्थ्य
तथा
जीवन
की
गुणवत्ता
पर
पड़
रहा
है
।
इसलिए
एक
संकल्प
करे
कि
छोटी
छोटी
बातों
का
तनाव
ना
ले
।
तनाव
के
कारण
शरीर
में
कई
हार्मोन्स
का
स्तर
बढ़
जाता
है
, जिसमें
एट्रीनलिन
और
कार्टिसोल
प्रमुख
है
।
इनकी
वजह
से
दिल
का
तेजी
से
धड़कना
, पाचन
क्रिया
का
में
पड़
जाना
, रक्त
का
प्रवाह
प्रभावित
होना
नर्वस
सिस्टम
की
कार्यप्रणाली
गड़बड़ा
जाना
और
, इम्यून
सिस्टम
कमजोर
होने
जैसी
समस्याए
उत्पन्न
होती
है
।
इसलिए:
टेंशन
ना
ले
स्वस्थ
रहे
मस्त
रहे
और
हमेशा
मुस्कुराते
रहे
।
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