हिंदी कहानिया
भेड़िया और चालाक लोमड़ी
एक
बार
एक
जंगल
में
एक
भेड़िया
और
उसकी
मित्र
लोमड़ी
रहती
थी
। भेड़िया
ताकतवर
था
इसलिए
वो
हमेशा
लोमड़ी
को
धमकाता
रहता
था
।
एक
दिन
भेड़िए
ने
लोमड़ी
से
उसके
लिए
खाने
लाने
को
कहा
। लोमड़ी
ने
एक
मेमना
पकड़ा
और
उसे भेड़िए के लिए के आई । भेड़िए को मेमना बहुत अच्छा लगा । उसने लोमड़ी से कहा कि
उसके लिए और मेमने लेकर आए। लोमड़ी ने उसे साथ चलने को कहा जहां मेमने रहते थे ।
उसे भेड़िए के लिए के आई । भेड़िए को मेमना बहुत अच्छा लगा । उसने लोमड़ी से कहा कि
उसके लिए और मेमने लेकर आए। लोमड़ी ने उसे साथ चलने को कहा जहां मेमने रहते थे ।
लोमड़ी
भेड़िए
को
किसान
के
घर
के
पास
ले
गई
जहां
मेमने
रहते
थे
। भेड़िये
को
देखते
ही
सारे
मेमने अपनी जान बचाकर भागे । भेड़िया उनके पीछे भागा ।
मेमने अपनी जान बचाकर भागे । भेड़िया उनके पीछे भागा ।
खेत
से
आवाज
आती
सुनकर
किसान
घर
से
बाहर
निकाला
और
जब
उसने
अपने
मेमनो
के
पीछे
भेड़िए को देखा तो उसने अपना डंडा उठाया और भेड़िया की अंधाधुंध पिटाई करनी शुरू कर दी ।
किसान भेड़ियों को तब तक पिटता रहा जब तक कि भेड़िया अधमरा होकर गिर नहीं गया ।
पीछे
भेड़िए को देखा तो उसने अपना डंडा उठाया और भेड़िया की अंधाधुंध पिटाई करनी शुरू कर दी ।
किसान भेड़ियों को तब तक पिटता रहा जब तक कि भेड़िया अधमरा होकर गिर नहीं गया ।
कुछ
दिन
बाद
,भेड़िए
ने
फिर
से
लोमड़ी
को
खाना
लाने
के
लिए
कहा
। लोमड़ी
ने
बताया
कि
किसान अपने तहखाने में मास रखता है ।तब दोनों ने कोच कि क्यों न किसान के तहखाने में
घुस कर मास खाया जाए ।
किसान अपने तहखाने में मास रखता है ।तब दोनों ने कोच कि क्यों न किसान के तहखाने में
घुस कर मास खाया जाए ।
वो
दोनो
किसान
के
घर
में
घुस
गए
।भेड़िया
इतना
सारा
मास
देखकर
बहुत
ही
खुश
था
। दोनो
वहीं बैठ गए और बड़े चाव से मास खाने लगे ।
वहीं बैठ गए और बड़े चाव से मास खाने लगे ।
जब
लोमड़ी
पेट
भर
कहा
चुकी
तो
वह
भेड़िए
से
बोली
, हमें
जल्दी
ही
यह
से
चलना
चाहिए
नहीं
तो किसान आ जाएगा ।किन्तु भेड़िए ने इसकी बात नहीं सुनी और वह खाता रहा । किसान के
आने के आहत सुनकर लिमदी तहखाने की दीवार के छेद से बाहर निकल गई ।
तो किसान आ जाएगा ।किन्तु भेड़िए ने इसकी बात नहीं सुनी और वह खाता रहा । किसान के
आने के आहत सुनकर लिमदी तहखाने की दीवार के छेद से बाहर निकल गई ।
लोमड़ी
ने
बाहर
से
भेड़िए
को
चेतावनी
दी
कि
किसान
आ रहा
है
।भेड़िए
ने
दीवार
के
छेद
से
बाहर
निकलने की कोशिश की किनतू ज्यादा खाने से उसका पेट फूल गया था इसलिए वह छेद से
बाहर नहीं निकल पाया । अब तक किसान लोमड़ी और भेड़ियों को देख चुका था ।लोमड़ी जन
बचाकर वाहा से भाग खड़ी हुई।
निकलने की कोशिश की किनतू ज्यादा खाने से उसका पेट फूल गया था इसलिए वह छेद से
बाहर नहीं निकल पाया । अब तक किसान लोमड़ी और भेड़ियों को देख चुका था ।लोमड़ी जन
बचाकर वाहा से भाग खड़ी हुई।
किसान
ने
झाड़ू
उठाई
और
तहखाने
में
आया
। भेड़िया
तहखाने
में
ही
था
। ज्यादा
खाने
के
कारण
वह भाग भी नहीं सका । किसान ने घुस्से में भेड़िए की इतनी पिटाई कि की भेड़िया वहीं ढेर हो
गया ।
कारण
वह भाग भी नहीं सका । किसान ने घुस्से में भेड़िए की इतनी पिटाई कि की भेड़िया वहीं ढेर हो
गया ।
1 Comments
Wow..👌😊
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