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||जासूस बदक (चोरी किसने की)।।

: एक समय की बात है अफ्रीका के जंगल मे सभी जानवर बड़े ही
प्यार से रहते थे ,हाती,शेर ,सिंह,लोमड़ी,तोता,गेंडा, बदक ये सभी
समझदार जानवर थे ,एक दिन अचानक ,जंगल पे इन्सानोने हमला
बोल दिया ,ओर जंगल को आग लगा दी और सभी जानवर को
मुश्किल में डाल दिया लेकिन जैसे तैसे जानवरो ने अपनी जान बचाई
ओर बाजू वाले जंगल मे भाग गए, सभी जानवरो का सब कुछ छीन
गया था उनके पास न ही पीनेके लिए पानी था न ही खाने की लिए
खाना था ,जंगल का राजा सिंह बोलै डरिये मत में जिम्मेदारी लेता हूं
कि मैं सबकी रक्षा करूँगा ओर सबको जीवित रखूंगा,
सिंह ने एक योजना बनाई ,उसने बोला कि में सभी को टीम में बाटूंगा
ठीक है और उसी के द्वारा आप लोग काम करना शुरू करोंगे ओर
मेरी आज्ञा का पालन करोगे,
भालू ओर लोमड़ी तुम दोनों लकड़िया लाने का काम करोगे,
भालू ओर लोमड़ी बोले ठीक है राजा।
सिंह बोला हाती ओर गेंडा तुम दोनों पेड़ गिराएंगे ओर सब पे नजर
राखोंगे ,तोते तुम पानी की खोज करोगे, हिरन तुम घास इक्कट्ठा
करोगे,में ओर शेर मास का बन्दोबस्त करते है,सभी ने अपना अपना
काम बाट लिया और प्लान के मुताबिक काम किया,
ओर शाम को सब लोट आये और सब ने अच्छा काम किया
लेकिन खाना बोहोत कम मिला,सबके पेट मे चूहे दौड रहे थे, राजा
बोला "सभी ध्यान से सुनो क्यों कि खाना बोहोत कम मिला है तो हम
थोड़ा थोड़ा ही खाएंगे ताकि हमे ये खाना कम से कम तीन दिन तक
खा सखे" सभी बोले ठीक है राजा ,लेकिन सब खुश नही ते क्यों कि
खाना कम कम मिला था सबको।
ओर राजा ने बचा हुवा खाना ,अपने खुपिया जगे पे रख दिया,
ओर सभी जानवर अपने अपने झोपडी में सोने के लिए चले गए।
सवेरा होते ही राजा के आंखों के नीचे से जमीन खिसक गई ,सभी
खाना गायब याने चोरी हो गया था,राजा ने सबसे पहिले ,अपने
करीबी दोस्त शेर को बुलाया और ये बात बताई ,शेर बोला ये तो गलत
हो गया ,राजा बोला शेर से " अब इस मुश्किल समय पे ये हो गया
अब कोई सुजाव दो मुझे मित्र"
शेर बोला राजा से"राजा इतने सारे जानवर है सब पे शक करना गलत बात है"
राजा बोला ठीक है में जासूस बदक को बुलाता हु ओ ही हमारी मदत
कर सकता है उसे सालो का अनुभव है और उसे अमेज़न जंगल और
सुंदरबन जंगल अपने जासूसी के कारनामो के लिए सन्मानित भी कर चुके है।
शेर बोला ठीक है बुलाव उन्हें।
राजा ने सभी जानवरो को बताया और बुलाया सभी जानवर हक्के
बक्के रह गए । राजा बोलै शांत रहो ।
उतने में जासूस बदक आ गया था ,सभी जानवरो को जासूस बदक
को देख के मन ही मन मे घबराहट होने लगी थी,
उतने में ही बदक बोलाः देखिये मुझे पता है कि खाना चोरी हो गया है
,लेकिन किसने चुराया ये पता नही है अगर किसी को पता है या फिर
किसीने गलतीसे चुराया है तो अभी बता दो बादमे दिक्कत आ सकती है।
लोमड़ी : लेकिन बदक साहब खाना तो राजा के गुफा में था ओर वह
पे जाने की हिम्मत कोई नही कर सकता
बदक : ओ तो में देख लूंगा की कौन वहा जाने की हिम्मत कर सकता है
हाती: बदक साहब हम तो मिलजुल के रहने वाले जानवर है ,हम
भला ऐसे कैसे कर रखते है
बदक: हाती साहब जब बात पेट की आ जाती है तो कोई किसी का
सगा नही होता ,खेर ये तो वक्त ही बताएगा ।
तोता: अरे बावा मेने तो पानी लाया था मेरे तरफ ऐसे मत देखो।
बदक: में आपको बता दु , जंगल के कानून के नुसार अगर आप दोषी
हो तो आपको जंगल से बेदखल किया जाएगा और 2 महीनेका का
कारावास हो सकता है।
बदक: गेंडा तुम कहा थे ,
गेंडा: तुम कहा थे? मतलब क्या है तुमारा मेने जंगल को मेरा पूरा
जीवन दे दिया है मुझपे शक मत करो
बदक : देखिये जब तक मुजरिम पकड़ा नही जाता तब तक मेरे लिए
आप सभी चोर हो ?
तोता: ले आफत ये मरवाएगा !
बदक: मतलब मेरा ये काम है ,ओर चुपचाप मुझे ये काम करने दो।
बदक: बंदर जहा तक मेने छान बिन की है ,की चोरी के ठीक एक घंटे
पहिले तुम गुफा के पीछे गए थे ?
बन्दर: तुम्हें किसने कहा
बदक: मेरे दोस्त उल्लू ने,(ग़ुस्से में) गए थे क्या नही?
बन्दर: (डर के) हा गया था लेकिन में तो सु सु करने के लिए गया था ।
बदक : ठीक है ।
बदक राजा से।।।।।।।
बदक : राजा आज के लिए इतना ही इस कोर्ट की अगली सुनवाई में
कल करूँगा ओर में आपको बता दु की में कल ही इस केस के
परिणाम घोषित करूँगा ,,क्यों कि पहलेसेही ही भुकमरी के हालात हे।
राजा: ठीक है जासूस साहब।
सब जानवरो को जाने के लिए कहा गया और कल 11 बजे बुलाया गया ।
अगले दिन सभी 11 बजे पोहच गए
बदक ने सवाल ओर जवाब का सिलसिला शुरू किया
बदक ने तेजी से अपनी करवाई सुरु की,
बदक : राजा क्या आपको लगता है कि ये शाजिस किसी आपके
बोहोत ही करीबी दोस्त की चाल है
राजा : हो भी सकती है।
बदक: ठीक है
बदक: लोमड़ी ,सुना है तुमको उस रात बोहोत जोरो की भूक लगी थी
और तुमने बंदर को बोला था कि मेरा बस चले तो में
खाना चुराके खा लू |
लोमड़ी: ओ तो मैने ग़ुस्से से कहा था
बदक : लोमड़ी तुम गुफा में आखरी बार कब गए थे
लोमड़ी : साहब चोरी 2 दिन पहले हुई ओर में तो गुफा में 7 दिन हो
गए गयी ही नही।
बदक : ग़ुस्से में ,तो फिर तुमारे पैरो के ताजा निशान उधर
कैसे आये।
सब जानवर हैरान हो गए
लोमड़ी : मुझे नही पता ,ये मेरे खिलाप शाजिश है बदक जी
बदक: ठीक है में बादमे बात करता हु ,कुछ सवाल शेर से करलू
बदक : तो शेर जी आप चोरी के रात गुफा के सामने 5 मिनट के लिए
बदक : लोमड़ी तुम गुफा में आखरी बार कब गए थे
लोमड़ी : साहब चोरी 2 दिन पहले हुई ओर में तो गुफा में 7 दिन हो
गए गयी ही नही।
बदक : ग़ुस्से में ,तो फिर तुमारे पैरो के ताजा निशान उधर
कैसे आये।
सब जानवर हैरान हो गए
लोमड़ी : मुझे नही पता ,ये मेरे खिलाप शाजिश है बदक जी
बदक: ठीक है में बादमे बात करता हु ,कुछ सवाल शेर से करलू
बदक : तो शेर जी आप चोरी के रात गुफा के सामने 5 मिनट के लिए
पाए गए थे क्या ये सच है
शेर : है सच है में रखवाली कर रहा था ,ओर मुझे ये राजा
ने कहा था
,चाहो तो तुम राजा को पूछ सकते हो।
राजा : है मेने ही इसे कहा था
बदक : राजा से
राजा मुझे एक बाद बताओ ,गुफा के कितने दरवाजे है
राजा : दो
बदक : अच्छा पिछेका दरवाजा पिछली बार कब खुला था
राजा: वैसे तो ये गुफा संकट के काम के लिए है हमारा
जंगल जल
गया तो ये हम वापर रहे है।पिछले महीने में खोला था।
बदक: राजा जब ये चोरी हुई तुम कहा थे और तुम्हें
किसने बताया कि
चोरी हुई।
सब जानवर बिल्कुल हक्का बक्का राह गए जब बदक ने
राजा को
घेरा।
राजा : बदक साहब आपको को तो लोमड़ी के पैरों के
निशान वह
मिले फिर मुझपे शक क्यों
बदक : इसका जवाब में थोड़ी देर में देता हूं,में लोमड़ी से
सवाल
करना चाहता हु
बदक: लोमड़ी जब तुमने ये कहा कि तुम सारा खाना
खाना चाहती हो
,तो तुमने ये बंदर से कहा बरोबर है?
लोमड़ी : जी हां
बदक : तो बंदर ,जब आप ने ये बात लोमड़ी से सुनी तो आप तुरंत
ही राजा के पास क्यों गए थे
बंदर: पसीना पसीना होके, बदक जी मे ऐसे ही गया था ।
बदक : (चिल्ला के बोला) नही तुम ऐसे ही नही गए थे ,तुमने राजा से ये बात
बोली ओर ,राजा और तुमने एक प्लान बनाया ।।।( बीच मे ही राजा
बोला )" ये क्या बकवास कर रहे हो बदक"
बदक राजा से
बदक : (चिल्ला के ग़ुस्से से )हां में सच बोल रहा हु ओर इसका प्रमाण
भी है मेरे पास
बदक: जब तुमको लोमड़ी वाली बात पता चली तो तुम्हें
ओर बंदर ने
मिलके प्लान बनाया की सारा खाना हम चुरा लेंगे और
नाम लोमड़ी
का आएगा।
हाती: अरे तो वह लोमड़ी के पेर की निशान कहा से आये
बदक: में बताता हूं हाती साहब ,लोमड़ी के पैर के निशान कहा से आये,
जब राजा को पता चला ,तब राजा ने बोला बन्दर से की
जाओ लोमड़ी
को बेहोश कर के लाओ में तुम्हें इनाम दूंगा ओर खाना भी,फिर दोनों
ने बड़े ही चालाकी से बेहोशी की हालत में पिछले दरवाजेसे जो कि
राजा ने कहा कि एक महीने से नही खोला गया था वाह से लोमड़ी के
पेर के निशान गुफा के बाजू में लिए ओर जहा खाना रखा गया था वाह पे भी लिए,क्या में सही हु राजा द किंग?
राजा : नही आप झूट बोल रहे हो
बदक : नही राजा ,जो पीछे का दरवाजा आपने खोल था उसके नीचे हमारे मित्र मुंगुस ने आपको देखा था
ओर बंदर ने जब हिरण को बेहोश कर के लाया था तब हमारे एक
अधिकारी ने याने चील ने उनको आसमान से हजार फीट के दूरी से
देखा था ओर अपने बड़े ही चालाकी से मुझे ही पहले बताया ताकि
मेरा शक आप न जाये और ये केस भी मुझे ही दिया ,क्या अभी भी
आप को सबूत चाहिए क्या आप अपना जुर्म कबुलेंगे ओर हा ओ सब
खाना आपने एक खुपिया गुफा में दबा के रखा है ओ भी हमे पता है
,ओ गुफा के काली चीटियां हमारे मित्र है उनोने हमे बताया
तोता: अरे इसके जासूस कहा कहा छुपे है रे बावा
राजा: हा हा मेने ही चोरी की है
सभी जानवर चोक गए
राजा: में अपना एक अलग जंगल बनाना चाहता था,जहा पे सिर्फ मेरा
राज हो यहाँ पे मुझे शेर ओर हाती की बाते सुननी पड़ती थी इसलिए।
बदक: कानून के तहत आप को 2 महीने की सजा ओर कुछ भी खाने
को नही मिलेगा ये ही है जंगल का कानून।
ओर बन्दर को 15 दिन की जेल सुनाती है ।
सिख : आप कितने भी होशियार क्यों न हो अगर गलत काम करोगे तो पकड़े ही जाएंगे।
ये मजेदार लव स्टोरी कहानी भी पढ़िए : हिरन को हुवा शेर से प्यार।
2 Comments
Very intresting story
ReplyDeletethank you ,please leave a comment and tell us ,on what topic you want next story
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