राकेश और साकेश दोनों सगे भाई थे मगर दोनों में काफ़ी डिफेंस था ।राकेश जहां एकदम गोरा और चालाक था
वहीं साकेश एकदम काला और भोला भाला था काले पन को लेकर राकेश हमेशा उसका मज़ाक उड़ाया करता था ।
बड़ा होने पर जब उनकी शादी हो गई तब राकेश को बीवी भी ऐसी मिली जो राकेश के घमंड को दुगना कर गई
उसकी बीवी उससे भी ज्यादा चालाक थी उसने राकेश के कान भर ,भर के साकेश के नाम की भी सारी प्रॉपर्टी
हड़प्ली ।खुद वो अच्छे घर में रहने लगा और बेचारे साकेश को रहने के लिए एक झोपड़ी दे दी ।

भोला भाला साकेश अपने बीवी के साथ उस झोपड़ी में ही रहने की कोशिश करने लगा ।पर उसकी बीवी उसे खुश
नहीं रहने देती जब तक ताना मार मार के उसे अंदर ही अंदर तोड़ती रहतीं ।
एक दिन परेशान होकर वो जंगल में दूर बहुत दूर चला गया रात भर जंगल में बिताने के बाद जब सवेरे उठा तो
सामने बहते हुए जादुई नदी में जाकर मुंह धोते समय मन ही मन कहा काश मैं भी अपने भाई के तरह गोरा होता।
और वहा से निकल गया |
गाव जाते ही सारे लोग उसे ही देखने लगे
लगता है उन्हें पता चल गया रात भर में घर पर नहीं था इसलिए मुझे ऐसे देख रहे हैं ।
अरे आपके चेहरे पे क्या हुआ ?
अरे कुछ नहीं बहुत कुछ हुआ है आप तो अपने भाई से भी ज्यादा गोरे हो गए।
क्या अरे ये कैसे हो गया मै इतना गोरा कैसे हो गया ?
दिन भर वो सोचता रहा कि ऐसा चमत्कार कैसे हो गया बार बार उसे जादुई नदी की याद आ रही थी जब गोरा होने
की बात कहते हुए उसने जादुई नदी के पानी से मुंह धोया था कई जादुई नदी में तो कोई जादू नहीं यही सोचकर वो
शाम होते ही फिर जादुई नदी के पास जंगल में चुपचाप पोहच गया और अपनी अंजलि जादुई नदी में डुबोते हुए
कहा आपने मुझे गोरा बना दिया अब भाई की तरह थोड़ा धन भी दे दो।

को बताता है तो तारा को भी यकीन नहीं होता है पर उसके हाथ में सोने की अशरफियां देखकर उसे यकीन करना
पड़ता है फिर भी वो साकेश से कहती है साकेश मेरे मा ने अपने शादी में मुझे जो अंगूठी दी थी वो कई दिनों से खो
गई है उसे जादुई नदी में जाकर कहो ना शायद मिल जाए ।अरे जादुई नदी में कैसे मिलेगी हम कभी वहा गए ही
नहीं जो जादुई नदी में खो गई हो ?
तुम जाओ तो सही और बीवी की बात सुनकर वापस वो जंगल की ओर जादुई नदी में जाकर अपनी अंजलि पानी
में डुबो कर कहता है जब आपने इतना दे ही दिया है तो मेरे बीवी की अंगूठी भी दे सकते हो ।ये क्या ये कैसा

जब भी जो भी मांगोगे वो तुम्हें मिल जाएगा
आप सच कहें रही है जादुई नदी ?
हा मगर याद रहे तुम अपने दुश्मन के लिए जो भी मांगोगे उसका दुगना तुम्हें मिलेगा । अगर ऐसा है तो मेरा एक
ही दुश्मन है मेरा सगा भाई राकेश जिसने मेरी जायज़ात हदपली है में चाहता हू की उसका एक स्टोरी का घर दो
स्टोरी का हो जाएं।
इतनी बड़ी उपलब्धि ये गोरा रंग इतना बड़ा मकान इसके पास आया कैसे ?
वो इस जादुई नदी के बारे में किसी को कुछ बताता नहीं है पर किसी की कुछ भी चीज खोई हो या किसी को किस
चीज़ की ज़रूरत हो तो वो जादुई नदी किनारे जाकर पानी में अपनी अंजलि डुबोता और वो चीज़ मांगता उसे वो
चीज़ मिल जाती । यहां तक कि उनके गांव के जमींदार का लड़का एक दिन खो गया उसे कभी भी न पूछने वाला
नदी किनारे पोहच गया ।जादुई नदी में अपनी अंजलि डालकर उसने कहा हे जादुई नदी आज तक जमींदार ने
कभी भी मेरी इज़्ज़त नहीं की पर उनका बेटा खो गया है बेचारा बहुत परेशान है उनका बेटा मिला दो ।गांव के
जमींदार का बेटा मिलने के बाद तो साकेश की छाती और भी चौड़ी हो जाती हैं अब हर कोई उससे मदद मांगने
जाता है ।उसकी ख्याति देखकर उसका भाई राकेश और उसकी बीवी पूरी तरह जल भुन जाते हैं ।
उसके खोने के दुख में वो पूरी तरह बीमार हो जाता है किसान भागा भागा साकेश के पास आता है साकेश उसके
बच्चे की हालत देखकर उसको दिलासा देता है कि उसका बछड़ा कल सुबह तक मिल जाएगा उसकी ये बात
उसका भाई राकेश सुन लेता है और रात को उसके घर से निकलते ही उसका पीछा करता है और उसे जादुई नदी में
अंजलि डालते और प्रार्थना करते हुए बछड़ा निकाले के बाद उसके सब समझ में आता है ।
साकेश के बछड़ा लेकर जाते ही वो जल्दी जल्दी जादुई नदी के पास पोहचता है और जादुई नदी में अपनी अंजलि
डालकर कहता है मेरे बीवी को सर से पाँव तक सोने से लाद दो इतने गहने दो ।धन्यवाद जादुई नदी अब में भी
आपसे हर चीज मांग कर ले जाऊंगा ।
हा मगर याद रहे तुम अपने दुश्मन के लिए जो भी मांगोगे उससे दुगना तुम्हें मिलेगा ।
और घर पोहुच ने पर जब बीवी उसके हाथ में इतने गहने देखती है और उसकी बात सुनती है तो लालची बीवी की
खुशी का ठिकाना नहीं रहेता वो कहती है। इस तरह से तो हम दुनिया के सबसे अमीर बन सकते हैं कोई हमे
टक्कर नहीं दे पाएगा ।
पास पहुंचे ही ना उसे अपाहिच कर दो ।
और खुशी खुशी राकेश उस जादुई नदी किराने पहुंचता है और अपनी अंजलि नदी में डालकर कहता है हे जादुई
फिर भी वो आपके पास आयेगा तो उसे अधमरा कर दो वो तुम्हारे पास आयेगा ही नहीं ।
तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी राकेश मैंने पहले ही कहा था तुम अपने दुश्मन के लिए जो भी मांगोगे उसका
दुगना तुम्हें मिलेगा ।तुमने कहा तुम्हारे दुश्मन को अधमरा कर दो अब तुम पूरे ही मारे जावोगे।
सिख : लालच में राकेश को जादुई नदी की कहीं बात याद ही नहीं रही पर आप एक बात हमेशा याद रखना दोस्तों की कभी भी किस चीज़ से कुछ मिलने लगे तो उसकी शब्दों को मत भूलना वरना जिंदगी से भी हाथ धोना पड़ता है।
वहीं साकेश एकदम काला और भोला भाला था काले पन को लेकर राकेश हमेशा उसका मज़ाक उड़ाया करता था ।
बड़ा होने पर जब उनकी शादी हो गई तब राकेश को बीवी भी ऐसी मिली जो राकेश के घमंड को दुगना कर गई
उसकी बीवी उससे भी ज्यादा चालाक थी उसने राकेश के कान भर ,भर के साकेश के नाम की भी सारी प्रॉपर्टी
हड़प्ली ।खुद वो अच्छे घर में रहने लगा और बेचारे साकेश को रहने के लिए एक झोपड़ी दे दी ।
भोला भाला साकेश अपने बीवी के साथ उस झोपड़ी में ही रहने की कोशिश करने लगा ।पर उसकी बीवी उसे खुश
नहीं रहने देती जब तक ताना मार मार के उसे अंदर ही अंदर तोड़ती रहतीं ।
एक दिन परेशान होकर वो जंगल में दूर बहुत दूर चला गया रात भर जंगल में बिताने के बाद जब सवेरे उठा तो
सामने बहते हुए जादुई नदी में जाकर मुंह धोते समय मन ही मन कहा काश मैं भी अपने भाई के तरह गोरा होता।
गाव जाते ही सारे लोग उसे ही देखने लगे
लगता है उन्हें पता चल गया रात भर में घर पर नहीं था इसलिए मुझे ऐसे देख रहे हैं ।
अरे आपके चेहरे पे क्या हुआ ?
अरे कुछ नहीं बहुत कुछ हुआ है आप तो अपने भाई से भी ज्यादा गोरे हो गए।
क्या अरे ये कैसे हो गया मै इतना गोरा कैसे हो गया ?
दिन भर वो सोचता रहा कि ऐसा चमत्कार कैसे हो गया बार बार उसे जादुई नदी की याद आ रही थी जब गोरा होने
की बात कहते हुए उसने जादुई नदी के पानी से मुंह धोया था कई जादुई नदी में तो कोई जादू नहीं यही सोचकर वो
शाम होते ही फिर जादुई नदी के पास जंगल में चुपचाप पोहच गया और अपनी अंजलि जादुई नदी में डुबोते हुए
कहा आपने मुझे गोरा बना दिया अब भाई की तरह थोड़ा धन भी दे दो।
जब वो जाकर ये बात अपनी बीवी तारा
पड़ता है फिर भी वो साकेश से कहती है साकेश मेरे मा ने अपने शादी में मुझे जो अंगूठी दी थी वो कई दिनों से खो
गई है उसे जादुई नदी में जाकर कहो ना शायद मिल जाए ।अरे जादुई नदी में कैसे मिलेगी हम कभी वहा गए ही
नहीं जो जादुई नदी में खो गई हो ?
तुम जाओ तो सही और बीवी की बात सुनकर वापस वो जंगल की ओर जादुई नदी में जाकर अपनी अंजलि पानी
में डुबो कर कहता है जब आपने इतना दे ही दिया है तो मेरे बीवी की अंगूठी भी दे सकते हो ।ये क्या ये कैसा
चमत्कार हैं क्या ये जादुई नदी आपका चमत्कार है ? हा में ही जादुई नदी हू तुम अपने और अपने दोस्तों के लिए
जब भी जो भी मांगोगे वो तुम्हें मिल जाएगा
आप सच कहें रही है जादुई नदी ?
हा मगर याद रहे तुम अपने दुश्मन के लिए जो भी मांगोगे उसका दुगना तुम्हें मिलेगा । अगर ऐसा है तो मेरा एक
ही दुश्मन है मेरा सगा भाई राकेश जिसने मेरी जायज़ात हदपली है में चाहता हू की उसका एक स्टोरी का घर दो
स्टोरी का हो जाएं।
इतनी बड़ी उपलब्धि ये गोरा रंग इतना बड़ा मकान इसके पास आया कैसे ?
वो इस जादुई नदी के बारे में किसी को कुछ बताता नहीं है पर किसी की कुछ भी चीज खोई हो या किसी को किस
चीज़ की ज़रूरत हो तो वो जादुई नदी किनारे जाकर पानी में अपनी अंजलि डुबोता और वो चीज़ मांगता उसे वो
चीज़ मिल जाती । यहां तक कि उनके गांव के जमींदार का लड़का एक दिन खो गया उसे कभी भी न पूछने वाला
नदी किनारे पोहच गया ।जादुई नदी में अपनी अंजलि डालकर उसने कहा हे जादुई नदी आज तक जमींदार ने
जमींदार का बेटा मिलने के बाद तो साकेश की छाती और भी चौड़ी हो जाती हैं अब हर कोई उससे मदद मांगने
जाता है ।उसकी ख्याति देखकर उसका भाई राकेश और उसकी बीवी पूरी तरह जल भुन जाते हैं ।
उसके खोने के दुख में वो पूरी तरह बीमार हो जाता है किसान भागा भागा साकेश के पास आता है साकेश उसके
बच्चे की हालत देखकर उसको दिलासा देता है कि उसका बछड़ा कल सुबह तक मिल जाएगा उसकी ये बात
उसका भाई राकेश सुन लेता है और रात को उसके घर से निकलते ही उसका पीछा करता है और उसे जादुई नदी में
अंजलि डालते और प्रार्थना करते हुए बछड़ा निकाले के बाद उसके सब समझ में आता है ।
डालकर कहता है मेरे बीवी को सर से पाँव तक सोने से लाद दो इतने गहने दो ।धन्यवाद जादुई नदी अब में भी
आपसे हर चीज मांग कर ले जाऊंगा ।
हा मगर याद रहे तुम अपने दुश्मन के लिए जो भी मांगोगे उससे दुगना तुम्हें मिलेगा ।
और घर पोहुच ने पर जब बीवी उसके हाथ में इतने गहने देखती है और उसकी बात सुनती है तो लालची बीवी की
खुशी का ठिकाना नहीं रहेता वो कहती है। इस तरह से तो हम दुनिया के सबसे अमीर बन सकते हैं कोई हमे
टक्कर नहीं दे पाएगा ।
क्यों नहीं दे पाएगा साकेश है ना वो भी तो जादुई नदी के पास जाता है ।तो कुछ ऐसा करो की साकेश जादुई नदी के
पास पहुंचे ही ना उसे अपाहिच कर दो ।
और खुशी खुशी राकेश उस जादुई नदी किराने पहुंचता है और अपनी अंजलि नदी में डालकर कहता है हे जादुई
फिर भी वो आपके पास आयेगा तो उसे अधमरा कर दो वो तुम्हारे पास आयेगा ही नहीं ।
दुगना तुम्हें मिलेगा ।तुमने कहा तुम्हारे दुश्मन को अधमरा कर दो अब तुम पूरे ही मारे जावोगे।
सिख : लालच में राकेश को जादुई नदी की कहीं बात याद ही नहीं रही पर आप एक बात हमेशा याद रखना दोस्तों की कभी भी किस चीज़ से कुछ मिलने लगे तो उसकी शब्दों को मत भूलना वरना जिंदगी से भी हाथ धोना पड़ता है।
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