एक नमक का व्यापारी गाव में रहेता था ।वह नमक कि बोरिया शहर में जाकर बेचता था उसके पास एक गधा भी
था लेकिन वह बहुत आलसी था व्यापारी अपने गधे का बहुत ध्यान रखता था। उसे अच्छा खाना भी देता और
बहुत प्यार भी करता था गधा बहुत ही आराम परस्था ।
एक दिन व्यापारी नमक की बोरिया लेकर शहर जा रहा था तभी रास्ते में एक नदी आई व्यापारी अपने गधे के
साथ नदी पार करने लगा तभी अचानक गधे का पैर एक पत्थर से टकराया और वह पानी में गिर गया बोरियो का
सारा
नमक भी
पानी में
गिर गया
और घुल
गया ।गधा
बोला अरे
ये बोरी
इतनी हल्की
क्यों हो
गई ।
व्यापारी ने देखा वो कहें ने लगा अरे... ये क्या सारा नमक गिर गया अब तो शहर जाने का कोई फायदा नहीं ।
गांव ही वापस चलते है चलो भाई गधे ।गधे को बहुत खुशी हुई वो अपने आप से बोला अरे वा...आज का दिन तो
बहुत अच्छा है आज तो काम को भी छुट्टी और बोरियो का भार भी कम ।
अगले दिन जब दोबारा व्यापारी नमक की बोरिया गधे पर लादकर शहर की और चला तब गधे को काम से बचने
का एक उपाय सुजा । उसे लगा क्यों न आज जान बुचकर गिर जाए ? मै काम से भी बच जाऊंगा ऐसा ही कुछ
दिनों तक चलता रहा ।अब व्यापारी को भी गधे पर शक होने लगा क्योंकि उसकी बहुत सी बोरिया पानी में घुलकर
बर्बाद हो चुकी थीं व्यापारी का बहुत ज्यादा नुक़सान हो चुका था ।तभी व्यापारी ने एक तरकीब निकाली इस बार
व्यापारी ने नमक कि जगह बोरियो में रुई भर दी ।
इस
बार जैसे
ही गधा
पानी में
गिरा तो
बोरिया और
भी भारी
हो गई
यह देख
गधा परेशान
हो गया
।
अरे... अरे
यार ये
आज क्या
हो गया
बोरिया आज
इतनी भारी
क्यों हो
गई लगता
है शेट
जी को
मुझपर
शक हो गया है । पीछे से व्यापारी जोर जोर से हंसने लगा और बोला बहुत दिनों से तुम मुझे बेवकूफ़ बना रहे थे ।
आज के बाद ऐसी गलती दोबारा मत करना समझे।
गधा बोला
हा समझ
गया शेठ
जी मुझे
माफ़ कर
दो ।
सिख : कोई
हमपर भरोसा
करे तो उसका भरोसा हमें तोड़ना
नहीं चाहिए
।
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2 Comments
Wow..👍
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