एक दिन एक सियार जंगल से गुज़र रहा था उसने दो भेड़ों को जोर जोर से बाते करते हुए सुना ।वो अपने आप से
कहेने लगा क्या बात है लगता है शायद उनके बीच झगड़ा होने वाला है चलो देखते हैं वो एक पेड़ के पीछे छीप गया
और भेड़ों को लड़ते हुए देखने लगा ।
वो दोनो बहुत जोर जोर से लड़ रहे थे मूझसे पंगा मत लो मै तुमसे बहोत शक्तिशाली हू समझी ।में तुमसे नहीं
डरती जाव यहां से ये मेरा इलाका है तो चलो इसका आज फैसला हो जाए ।
ठीक है, मै किसिसे नहीं डरती आजाव मैदान में ।
सियार बोला वा... हा यहां तो दोनो पगड़ी भारी है इनका झगडा देखने में मजा आयेगा ।
और उन दोनों के बीच झगडा शुरू हुआ ,एक बोला मै ताकदवर हूं दूसरा नहीं मै ताकदवर हूं तुम हटो यहा से ये
मेरा इलाका है मै ताकदवर हूं ।
हट जाव आज मै तुम्हे छोडूंगी नहीं ।
दोनो भेड़ों में जबरदस्त झगडा होने लगा दोनो बुरी तरह से घायल हो गए ।उनके शरीर से लगातार खून तक बहने
लगा ।
सियार ने इस बात का फायदा उठाने का सोचा ,लगता है दोनो लड़ते ,लड़ते थक चुकी है मै इन्हें अपना शिकार बना
सकता हूं ।
दोनो भेड़ों को लड़ता देख सियार लालच में आ चुका था । उन दोनों के बीच पड़कर एक एक को खा जाना करता था ।
सियार ने आव देखा ना ताव और भेड़ों पर टूट पड़ा लेकिन दोनो भेडे बहुत तकाद वर थी उन्होंने सियार की
जमकर धुलाई कर दी ।
सियार बोला हे भगवन में सोच रहा था कि दोनो भेड़ों को कई दिनों तक खाऊंगा लेकिन ये तो मेरे ही पीछे पड़ गए
।सियार उन भेड़ों को कहने लगा अरे छोड़ दो मुझे क्या मार हि डालोगे ।
दोनो भेड़े बहुत ताकदवर थी उन्होंने सियार की जमकर धुलाई कर दी जिससे सियार वहीं ढेर हो गया ।
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2 Comments
Very true👍
ReplyDeleteDhanyvad 🙏
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