
लगे टहनियां सूख ने लगी। उस पेड़ पर कव्व्ये का घोसला था कौवा बोला अब में यहां नहीं रहूँगा बाकी भी बहुत से
पेड़ है में वहीं पे रहूँगा में दूसरा पेड़ देखूँगा और वहीं पर घोसला बनाऊंगा कोव्वा उस पेड़ को छोड़ कर चला गया।
उस पेड़ पर चिड़िया का घोसला था चिड़िया भी उस पेड़ को छोड़ कर चली गई । उस पेड़ पर झील रहती थी वह भी
पेड़ छोड़ कर चली गई। कबूतर , कटफोड़वा, सात भाई सभी पंछी उस पेड़ को छोड़ कर चले गए। उस पेड़ पर एक
तोता रहता था उसने कहा इस पेड़ पर मेरा जन्म हुआ है में इस पेड़ पर खेला हू यहीं मेरी परवरिश हुई इसी पेड़ ने
मुझे संभाला है में यह पेड़ छोड़ कर नहीं जाऊंगा ।

पेड़ ने कहा अरे तोते सब पंछी चले गए तुम भी जाव अब मेरे पास पत्ते नहीं रहे फूल भी नहीं रहे अब मेरे पास
फल भी नहीं रहे अब में मरूंगा सुख जाऊंगा। तोता बोला नहीं नहीं में तुम्हें मरने नहीं दूंगा में तुम्हें सूखने नहीं दूंगा
। पेड़ की टहनी में एक बड़ा सा छिद्र था तोते ने उसे कुरेदा उसमें कीड़े मकोड़े थे तोते ने उसे मार दिया। अब आम
के पेड़ को अच्छा लगने लगा तोते ने ओषधी वनस्पति के पत्ते लाए उन्हें पेड़ के छिद्र में भर दिए ।

तोते ने पेड़ की
जड़ों में नई मिट्टी डाली बारिश आई उसमे आम का पेड़ साफ सुधरा हो गया उसका रोग नष्ट हो गया ।अब उसपर
नई टहनियां आईं अब गर्मी का मौसम आया। आम के पेड़ पर नए ताज़ा पत्ते डोलने लगे ।अब थोड़े दिन बाद
उसमे कच्चे आम लगने लगे पीले केसरी आम पकने लगे ।

पेड़ बोला अरे तोते ये लो मीठे मीठे फल सुख के साथी
सभी होते है पर तुमने दुख में साथ दिया अच्छे दिनों में सभी पास आते हैं बुरे दिनों में सभी दूर जाते है पर तुमने
मेरी सेवा की मेरा रोग नष्ट किया तुमने मुझपंर उपकार किया है तोता बोला मैंने मेरा काम किया मैंने कोई
अपेक्षा नहीं की थी ।हम पहले पाच फल भगवान को अर्पित करेंगे तोते ने पहले पाच फल भगवान को चढ़ाएं

भगवान ने आशीर्वाद दिया ,तुम्हारी दोस्ती हमेशा के लिए रहेगी हमेशा एक दूसरे को सुख दो ।
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