एक जंगल में एक शेर राज रहता था। वो दो दिन से भूका था इसलिए शेर राज को बहुत भुक लग रही थी । उसी समय शेर राज ने वहां से हिरण को गुजरता हुआ देखा और उसे मार कर खाने का प्लान बनाया और उसे मार कर
panchatantra ki kahaniya
अपना मुंह लटकाते हुए शेर राज वहां से चला गया ।
इतने में उसे एक हाथी नज़र आया ,हाथी एक आम के पेड़ के नीचे था ।उसे बहुत भूल लगी थी , वह आम खाना चाहता था मगर आम बहुत ऊपर थे ।उसका सुंड वहां तक नहीं जा रहा था ,हाथी पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था इसलिए हाथी बहुत मायूस हुआ ।
इतने में शेर राज ने हाथी को देखा और कहने लगा , में तुम्हारी मदद करुंगा लेकिन इससे पहले तुम्हें मेरी मदद करनी पड़ेगी ।
हाथी यह सुनकर कहने लगा , हे शेर राज में तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूं ? शेर राज ने कहां मेरे गले में हड्डी फस गई है महेरबनी करके तुम उसे निकाल दो गे फिर में तुम्हारी ज़रूर मदद करुंगा ।
सिख : इस कहानी से यह पता चलता है कि कोई भी मुसीबत हमे बता कर नहीं आती इसलिए हमे सबसे मिल जुल कर रहना चाहिए ।
पता नहीं कोन किस मुसीबतों में काम आ जाए इसलिए हमे दुश्मनों को भी दोस्त मानना चाहिए ।
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