
एक जंगल था उस जंगल में सिंह अपने परिवार के साथ रहता था।उसकी एक बीवी थी और प्यारे दो बच्चे थे,उनका खुश-हाल परिवार था ।
चलता हूं , मजे में रहना में तुम लोगों के लिए खाना लाता हू ।
सिंह खाने के तलाश में निकला जब वो झा-डी में जाकर देखता है तब गीड़द का बच्चा मिलता है गीदड़ का बच्चा डरा हुआ था और वो आँखें बंद करके काप रहा था ।
सिंह के बच्चे उसकी और आक्रमक हो गए पर वो गीदड़ का बच्चा डर गया और घबरा गया वो गुफ़ा के अंदर भागा । सिंह के बच्चे बहुत ही साहसी थे वो तब तक हाथी को भगाते रहे जब तक वो हाथी वहां से भाग ना गया ।जब हाथी वहां से भाग गया तब गीदड़ का बच्चा अपना सिर झुकाते हुए गुफ़ा से बाहर आया ।
बाद में सिंह और उनकी बीवी गुफ़ा में खाना लेकर वापस आए तब सब खाना खाने बैठे

गीदड़ का बच्चा बुरा मान गया और रोने लगा और कहने लगा में अलग सा दिखता हूं और अजीब सी हरकते भी करता हूं ,मुझे मेरे परिवार के पास लौट जाना चाहिए ।

चिटी और कबूतर: https://bit.ly/2QwgwZ
सिंह बोला घबराव मत हम तुम्हारे परिवार को धुंडने में तुम्हारी मदद करेंगे ।
अगले दिन सुबह सिंह का परिवार और गीदड़ का बच्चा उसके परिवार को ढूंडने निकल पड़े ।
मिल गए वो रही मेरी मां और वो रहे मेरे पापा और वो रहा मेरा पूरा परिवार ….

सिंह का परिवार कुछ दूर रुख गया और गीदड़ के बच्चे को लौट जाने को कहा ।
बाय, बाय…
गीदड़ की मा उसपर प्यार जता रही थी और वो बच्चा सभी गिधाडो के साथ अपने शरीर को घिसने लगा ।इस तरह वो अपना प्रेम और स्नेह जताते हैं ।
सिख (moral of the story ) :
अपनों के बिना जीवन अधूरा होता है ।
friends, aapko ye meri ( khoya hua gidhad ) kahani kaisi lagi please comments karke jarur bataiye . aur mere post ko like bhi kar de taki mai aapke liye aisi majedar kahaniya aur likh sakhu dhanyavad .
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सिंह खाने के तलाश में निकला जब वो झा-डी में जाकर देखता है तब गीड़द का बच्चा मिलता है गीदड़ का बच्चा डरा हुआ था और वो आँखें बंद करके काप रहा था ।
सिंह उस गीदड़ के बच्चे को अपने मुंह में उठाकर अपने साथ ले जाता है और उसकी बीवी को वो सारी हकीक़त बता देता है ।फिर वो बोली कि आपने बहुत ही अच्छा काम किया है आज से हमारे तीन बच्चे हैं अब ये तीनों साथ रहेंगे और साथ खेलेंगे ।
जब सिंह और उसकी बीवी दोनों बाहर गए थे तब ये तीनों बच्चे गुफ़ा के बाहर खेल रहे थे ।तभी वहां से एक हाथी गुजरा हाथी को देखकर
जब सिंह और उसकी बीवी दोनों बाहर गए थे तब ये तीनों बच्चे गुफ़ा के बाहर खेल रहे थे ।तभी वहां से एक हाथी गुजरा हाथी को देखकर
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सिंह के बच्चे उसकी और आक्रमक हो गए पर वो गीदड़ का बच्चा डर गया और घबरा गया वो गुफ़ा के अंदर भागा । सिंह के बच्चे बहुत ही साहसी थे वो तब तक हाथी को भगाते रहे जब तक वो हाथी वहां से भाग ना गया ।जब हाथी वहां से भाग गया तब गीदड़ का बच्चा अपना सिर झुकाते हुए गुफ़ा से बाहर आया ।
बाद में सिंह और उनकी बीवी गुफ़ा में खाना लेकर वापस आए तब सब खाना खाने बैठे

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सिंह का बच्चा बोला , ममा पता है आज गीदड़ का बच्चा हाथी को देखकर गुफ़ा में भाग गया। हम दोनों ने हाथी को डरा, धमकाकर भगा दिया पर गीदड़ का बच्चा डर गया ।गीदड़ का बच्चा बुरा मान गया और रोने लगा और कहने लगा में अलग सा दिखता हूं और अजीब सी हरकते भी करता हूं ,मुझे मेरे परिवार के पास लौट जाना चाहिए ।

चिटी और कबूतर: https://bit.ly/2QwgwZ
सिंह बोला घबराव मत हम तुम्हारे परिवार को धुंडने में तुम्हारी मदद करेंगे ।
अगले दिन सुबह सिंह का परिवार और गीदड़ का बच्चा उसके परिवार को ढूंडने निकल पड़े ।
मिल गए वो रही मेरी मां और वो रहे मेरे पापा और वो रहा मेरा पूरा परिवार ….

सिंह का परिवार कुछ दूर रुख गया और गीदड़ के बच्चे को लौट जाने को कहा ।
बाय, बाय…
गीदड़ की मा उसपर प्यार जता रही थी और वो बच्चा सभी गिधाडो के साथ अपने शरीर को घिसने लगा ।इस तरह वो अपना प्रेम और स्नेह जताते हैं ।
सिख (moral of the story ) :
अपनों के बिना जीवन अधूरा होता है ।
friends, aapko ye meri ( khoya hua gidhad ) kahani kaisi lagi please comments karke jarur bataiye . aur mere post ko like bhi kar de taki mai aapke liye aisi majedar kahaniya aur likh sakhu dhanyavad .
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